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राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास – श्री कोठारी

Ranchi, 04th October, 2021:

झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के सभागार में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव माननीय श्री अतुल भाई कोठोरी जी बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए । श्री कोठारी ने अपने अभिभाषण में कहा कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वन को लेकर सभी को अपनी भूमिका समझनी होगी । सर्वप्रथम शिक्षकों को इस नीति का अध्ययन करना होगा और इसका क्रियान्यवन विभागीय स्तर पर कैसे बेहतर तरीके से किया जा सकता है,इस ओर कदम बढाने की आवश्यकता है । उहोंने शिक्षा नीति के विभिन्न प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसका मूल उद्देश्य व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना है उन्होंने भारतीय भाषाओं के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि सैकड़ो वर्षो बाद ऐसा पहली बार होगा जब आईआईटी और एनआईटी जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थान भारतीय भाषाओं में इंजिनीयरिंग सहित अन्य कोर्सो के पाठ्यक्रम तैयार कर रहे हैं । अगर कोई बांग्ला भाषा या अन्य क्षेत्रीय भाषा में अघ्ययन करना चाहता है तो उसे उसी भाषा में अवसर मिलना चाहिए जिसे नई शिक्षा नीति ने संभव बनाया है ।

श्री कोठारी ने कहा कि देश में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए शिक्षा में परिवर्तन लाना अति आवश्यक हो जाता है । विश्व गुरू बनने की राह में नई शिक्षा नीति मील का पत्थर साबित होगी। वहीं कर्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्याल ने कई स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए हैं । इसके लिए 8 कमिटियां गठित की गई हैं जो एक विजन प्लान तैयार करेगी । इसके अंतर्गत आगामी शैक्षाणिक सत्र के दौरान ही विश्वविद्यालय में कई कोर्स शुरू किए जाएंगे । वहीं कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो एस एल हरिकुमार, आईक्यूएसी डायरेक्टर प्रो आर के डे,डीन एकेडमिक प्रो मनोज कुमार,डीएसडब्लु डा मनोज कुमार,सीओई प्रभुदेव कुरले,डा राजेश कुमार,उप कुलसचिव उज्जवल कुमार,सहायक कुलसचिव शिवेंद्र प्रसाद सहित विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकगण,गैर शैक्षणिक कर्मी व शोधार्थी शामिल हुए ।