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Ranchi Oct 04,2016 :
नाभिकिय भौतिकी का उपयोग मनुष्यता के लिए हो – प्रो. नंद कुमार यादव इंदू
दुनियाभर में नाभिकीय विज्ञान का जिक्र आते ही परमाणु बम का नाम आ जाता है। मानो इस विज्ञान का उपयोग केवल बम बनाने के लिए ही किया जाता है। दरअसल नाभिकीय एवं त्वरक भौतिकी देश के विकास के लिए अतिआवश्यक है। देश में ऊर्जा की प्रचूरता, स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्यान सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा ये सब नाभिकीय भौतिकी के बिना असंभव है। ये कहना था झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नंद कुमार यादव इंदू का। वे विश्वविद्यालय में भौतिकी विज्ञान केन्द्र द्वारा आयोजित न्यूक्लीयर व एक्सलेटर फिजीक्स विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेस के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।
तीन दिन तक चलने वाली इस कांफ्रेंस में देशभर के जाने-माने वैज्ञानिक हिस्सा ले रहे हैं। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि आई यू ए सी दिल्ली के निदेशक डा. डी. कांजीलाल ने अपने भाषण में बताया कि विश्व के कुछ गिने-चुने नाभिकीय शोध केन्द्रों भारत का भी नाम आता है। यही नहीं भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा निर्मित एक्सलेटरों की मदद से दुनियाभर में अनेक देशों ने नाभिकीय सुविधाओं का विस्तार किया है।
इस मौके पर देश के जाने-माने पार्टिकल विशेषज्ञ और टाटा इस्टीट्यूट आफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई के निदेशक डा. वी. एम. दातार ने बताया कि झारखंड में नाभिकीय शोध में जरूरी पदार्थ प्राकृतिक रूप से मौजूद हैं इसलिये इस दिशा में शोध की यहां भरपूर संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि विज्ञान के इस क्षेत्र में रोजगार की भी काफी संभावनाएं हैं।
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इससे पहले कांफ्रेंस के चेयरमैन और केन्द्र के अध्यक्ष प्रो. सारंग मेधेकर ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। संयोजक डा. धर्मेंद्र सिंह ने कांफ्रेंस के कार्यक्रम की विस्तार से रूपरेखा प्रस्तुत की। डा. विनीत कुमार अगोतिया ने कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डा. आशीष कुमार मिश्र ने किया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. आर. के. डे समेत अनेक डीन एवं अध्यक्ष