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जल संरक्षण विषय को लेकर दुनिया भर के जानकार सीयूजे में करेंगे मंथन
Ranchi, Nov 13th , 2017: जल मानव अस्तित्व और विकास के लिए सबसे बड़ा आधार है पिछले कुछ दशकों के दौरान जनसंख्या वृद्धि, औद्योगिकीकरण और शहरीकरण और संबद्ध उपभोक्तावादी संस्कृति ने प्राकृतिक जल के विज्ञान चक्र को काफी नुकसान पहुंचाया है । जिससे हमारे महत्वपूर्ण जल संसाधनों का अति प्रयोग व दुरुपयोग हुआ है नतीजतन पानी की गुणवत्ता और प्राकृतिक सफाई क्षमता कमजोर हुई है। जिससे निपटने के लिए शोध कार्य पूरी दुनिया में जारी है झारखंड का केंद्रीय विश्वविद्यालय भी इस विषय को लेकर काफी गंभीर है 16-17 जनवरी 2018 को वाटर इंजीनियरिंग,अपशिष्ट जल प्रबंधन समेत कई विषयो को लेकर सेमिनार का आयोजन सीयूजे द्वारा किया जा रहा है जिसमें दुनिया भर के जल पर शोध कर रहे वैज्ञानिक जुटेंगे.. कृषि में पानी के संरक्षण और प्रबंधन से जुड़ी समस्या, जल प्रबंधन, खनन पानी का प्रबंधन और अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग और पुनरावृत्ति समेत कई मुद्दो पर इस दौरान चर्चा होगी। विभिन्न सत्रों में एविफेर रिचार्ज और ग्राउंड वॉटर मॉडलिंग स्टडीज, वॉटर क्वालिटी मैनेजमेंट ऑफ सर्फेस जलविज्ञान मॉडलिंग, बाढ़ और खानों के भूतल जल प्रबंधन, सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन प्रथाओं और जल के कुशल उपयोग पर चर्चा होगी वाटर रिसोर्स बोर्ड श्रीलंका के चेयरमैन,इंस्टीट्यूट ऑफ रिवर मॉडलिंग बंग्लादेश के एक्सक्यूटिव डायरेक्टर,आईसीएआर के वैज्ञानिक,अमेरिका के कई वैज्ञानिक सेमिनार में शामिल होंगे .. सेमिनार की अध्यक्षता सीयूजे के वाटर इनजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट के हेड अजय कुमार सिंह करेंगे.. सेमिनार का आयोजन रांची के बीएनआर होटल सभागार में किया जाएगा े