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योग जीवन जीने की कला है – प्रो. नंद कुमार यादव

Ranchi, 21st June 2016:

झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय परिसर में सुबह-सवेरे छात्रों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों को योगाभ्यास का प्रशिक्षण दिया गया। दिन में विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नंद कुमार यादव इंदू ने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में योग का महत्व पहले से अधिक बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि योग मात्र कुछ आसन नहीं हैं बल्कि पूरा विज्ञान है। योगासन तो योग का एक छोटा अंग है। दरअसल योग तो जीवन जीने की एक कला है। योग आत्मा और परमात्मा में बीच मिलन का एक साधन है। जरूरत इस बात की है कि नयी पीढ़ी इसे समझे और अपने जीवन में उतारे। 

समारोह के मुख्य वक्ता और बिहार स्कूल आफ योग के शिक्षक आचार्य धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि ये गर्व का विषय है कि भारत की अमूल्य अध्यात्मिक देन योग को आज पूरी दुनिया में स्वीकारा और सराहा जा रहा है। उन्होंने आधुनिक दिनचर्या से पैदा होने वाली अनेक बीमारियों और उनकों दूर करने में योग की भूमिका पर प्रकाश डाला।  
कार्यक्रम में झारखंड स्टेट योग एसोसिएशन की छात्राओं ने प्रशिक्षक अमिता सिंह और नंद दुलाल दत्ता के मार्गदर्शन में योग आधारित एक शानदार सांगितिक प्रस्तुति दी। इसमें छात्रों ने संगीत की लय पर विभिन्न योगासनों को पेश किया। बिहार योग स्कूल की योग प्रशिक्षिका मृणाल सिंह ने समारोह में उपस्थित लोगों को योग की एक विधा ध्यान का अभ्यास करवाया।
इस अवसर पर योगासन प्रस्तुति करने वाली छात्रों और शिक्षकों को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। मंच संचालन जनसंचार केन्द्र के सहायक प्रोफेसर राजेश कुमार ने किया। कुलसचिव डा. मनोज कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक प्रो. एस. मेधेकर, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के अधिष्ठाता प्रोफेसर ए. सी. पांडे, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डा. अजय सिंह, जनसंचार केन्द्र के अध्यक्ष डा. देवव्रत सिंह, एन. एस. एस. समन्वयक डा. रणविजय समेत अनेक शिक्षक एवं शिक्षेतर कर्मचारी एवं छात्र मौजूद थे।