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Ranchi Aug 27,2015 :

दस दिवसीय  अनुसंधान क्रियाविधि (रिसर्च मेथडोलोजी ) कार्यशाला  का समापन 

झारखण्ड केंद्रीय विश्वविदयालय के सेंटर फार इंडिजिनस कल्चर स्टडीज और इंडियन काउंसिल ऑफ़ सोसल साइंसेस रीसर्च के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दस दिवसीय  अनुसंधान क्रियाविधि (रिसर्च मेथडोलोजी ) कार्यशाला  आज समाप्त हो गयी . कार्यशाला के समापन समारोह के मुख्य अतिथि  झारखण्ड केंद्रीय विश्वविदयालय के कुलपति प्रो. नंद कुमार यादव 'इंदु ', विशिष्ट अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के मानवशास्त्र विभाग के प्रो. पी. सी . जोशी और विशेष अतिथि डॉ रोमा यादव थी।  प्रो. जोशी ने अपने वक्तव्य में कहा कि झारखण्ड अपनी एथनिक विविधताओं के फलस्वरूप सोसल साइंसेस में शोध के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है. कुलपति प्रो. नंद कुमार यादव 'इंदु ' ने अपने उद्बोधन में  भारत को  विविधताओ से भरा देश बताते हुये शोधार्थियों से सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र मे दूरगामी उद्देश्यों को प्राप्त करने हेतु  गुणवत्तापूर्ण शोध करने की अपील की।  उन्होंने झारखण्ड प्रदेश की जनजातीय विविधता को ध्यान में रखकर आदिवासी समाज के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक पहलुओं पर शोध की आवश्यकता की बात भी उठाई।  विशेष अतिथि डॉ रोमा यादव ने कार्यशाला में आये सभी प्रतिभागियों के लिए अपनी शुभकामनाएं दी। 

 


संयोजक सीमा ममता मिंज ने कार्यशाला  के दौरान उठाए गए  विषयों, प्रश्नों और सुझावों की संक्षिप्त रिपोर्ट दी।  कार्यक्रम में संचालन डॉ डायना ऑसम और धन्यवाद ज्ञापन डा. सुचेता सेन चौधुरी किया। 18 अगस्त से 27 अगस्त तक होने वाली   इस कार्यशाला में रांची विश्वविदयालय, बनारस हिंदू विश्वविदयालय, पांडिचेरी विश्वविदयालय, महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविदयालय तथा झारखण्ड केंद्रीय विश्वविदयालय के  लगभग  चालीस शोध छात्रों  ने हिस्सा लिया 

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